- अष्ट शक्ति के प्रयोग से सभी समस्याओं का समाधान- बीके अनीता दीदी
- प्राकृतिक आपदा एवं विज्ञान के घातक प्रयोग का सामना आध्यात्मिक शक्ति संपन्न आत्माएं ही कर पाएगी- बीके प्रफूल्ल भाई
अशोक वर्मा
मोतिहारी : नगर के हिंदी बाजार सेवा केंद्र द्वारा बनिया पट्टी स्थित नये सेवा केंद्र पर आयोजित कार्यक्रम मे प्रदेश की वरिष्ठ राजयोगिनी एवं भागलपुर सेवा केंद्र प्रभारी बीके अनिता बहन, वैशाली भगवानपुर रिट्रीट सेंटर के प्रभारी बीके प्रफुल्ल भाई, राजयोगिनी बीके पद्मा बहन का स्वागत सेवा केंद्र प्रभारी बीके विभा ने मुकुट पहनाकर एवं चुनरी तथा साल ओढा कर किया।
उक्त अवसर पर पुरुषार्थ मे तिब्रता कैसे लाएं विषय पर संबोधित करते हुए भागलपुर सेवा केंद्र पधारी बीके अनिता बहन ने कहा कि जीवन में समस्याओं को देखकर अगर स्थिर रहने की शक्ति है तब हम समझते हैं हमारे अंदर ज्ञान की शक्ति समाहित है। अष्ट शक्तियों की प्राप्ति राजयोग के द्वारा हमें होती है जो हमारे जीवन को बैलेंस करती है ।जब जिस शक्ति की जरूरत है उस समय उस शक्ति को प्रयोग कर हम समस्याओं को साईट सीन समझ पार कर लेते है। उन्होंने कहा कि बाबा ने अंत समय के लिए कहा है कि अंत समय में ना तो सुनने का समय होगा और ना लोगों को सुनने का भी समय होगा। उन्होंने चार सूत्र बताया। कहा कि अंत समय की जो हमारी सेवा होगी वह चेहरे और चलन से हीं होगी ।दुनिया वालों को चेहरे से बाबा का संदेश मिलेगा इसके लिए जीवन में दिव्य गुणो की धारणा जरूरी है।पवित्रता,क्षमाशीलता, नम्रता , सहनशीलता से संपन्न बनना होगा।किसी बात में नाराजगी आदि नहीं होनी चाहिए। उस स्वरूप को देखकर दुनिया के लोग कहेंगे कि ये कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। इनमे परमात्मा द्वारा दैवी गुण भरी गई है। वर्तमान समय की मुख्य सेवाएं अनेक आत्माओं को दुआएं देना और दुआएं लेना है।अभी तक हम लोग प्रदर्शनी और भाषण तक सीमटे रहे लेकिन अभी की सेवा दिल से दुआ देने की है ।सुख के साधन बहुत बढे है ,किसी को अब किसी चीज की जरूरत नहीं है उसे दुआ और शांति की जरूरत है।उसे प्रेम, शांतिऔर खुशी चाहिए। देने वाला दाता बाबा है। वह देगा , हम बच्चों के द्वारा देगा ।हम बच्चे बाबा के राइट हैंड हैं। कोई भी सेवा हो इस खुशी करनी चाहिए हम बाबा के राइट हैंड है। बाबा जब भी किसी को देना चाहे तो वह हमारे द्वारा हीं देगा हम चारों सब्जेक्ट की पढ़ाई बहुत हीअच्छी है चारों सब्जेक्ट में हमें पास पास बिद आनर होना है ।बाबा से मिले ज्ञान और शक्तियों का दान सभी आत्माओं को देते चलना है। अपने देवता स्वरूप को लेकर दुनिया वालों के समक्ष जाना होगा तब उसका प्रभाव पडेगा । भगवानपुर रिट्रीट सेंटर के प्रभारी राजयोगी बीके प्रफुल्ल भाई ने कहा कि अपने भाग्य पर गर्व करना चाहिए ।बाबा जो भी ज्ञान सुनाते हैं उसे याद करना चाहिए। बाबा से मिले बरदान को हमें हमेशा याद करके रखना है तब हम दुसरो को बता सकेंगे । हमें ज्ञान और गुण स्वरुप बनकर रहना है । ज्ञान गुण रूपी अस्त्र-शस्त्र अगर याद रहेगा तो समय आने पर उसका उपयोग किया जा सकेगा।हमेशा इतना जरुर याद रखेंगे कि भाग्य विधाता बाप दादा द्वारा वह हमें मिला है। उस ज्ञान को सुनाते हुए स्मरण रहे कि विश्व कल्याणकारी बाप के हम बच्चे भी विश्व कल्याणकारी है। उन्होंने पांच बातो पर वाह वाह करने को कहा ।पहले वाह मेरा और वाह रे मैं,दुसरा वाह बाबा वाह तीसरा वाह ड्रामा वाह,चौथा वाह वेहद का ब्राह्मण परिवार वाह और पांचवा मे ईश्वरीय सेवा को समर्पित ब्रह्माकुमारी बहनो के लिए उन्होंने कहा कि वाह दीदी वाह।
उन्होंने कहा कि आने वाला समय बहुत कठिन होने जा रहा है तेजी से नई-नई बीमारियां बढ़ रही है। पांच तत्व विकराल रूप ले रहे हैं विज्ञान भी अभी फुल फॉर्म में अपनी शक्ति दिखा रही है और दुनिया तेजी से बदल रही है । जो आध्यात्मिक शक्ति संपन्न होंगे वे ही इस कठीन दौर का सामना कर सकेंगे।मधुबन सेवाधारी रहे रिट्रीट सेंटर से पधारे डा सुरेश भाई ने कहा कि समय की समीपता अब स्पष्ट दिख रही है।बाबा के बच्चों के लिये वाह वाह करने का समय काफी सन्निकट है इसलिए अब हर ब्राह्मण आत्माओं को अपने पुरुषार्थ को ज्वालामुखी स्वरूप देकर संपूर्णता को प्राप्त करना होगा।
धन्यवाद ज्ञापन सेवा केंद्र प्रभारी बीके विभा दीदी ने किया।
