- फूड बास्केट किट वितरण में भी दूसरे स्थान पर
- सामाजिक संस्थानों, जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवीयों के सहयोग से हो रहा है बेहतर कार्य – सीएस
मोतिहारी। निक्षय मित्र बनाने में राज्यस्तर पर “पूर्वी चम्पारण” पहले स्थान पर आया है। पूरे बिहार में यहाँ सबसे ज्यादा 164 निक्षय मित्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं 686 फूड बास्केट किट वितरित कर किट वितरण में भी “दूसरे स्थान” पर पूर्वी चम्पारण जिला आया है। ये बातें सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने कही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने 2025 तक टीबी से मुक्त करने हेतु देश भर में अभियान चलाया है। जिसके तहत सामाजिक संगठनों,जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवियों को निक्षय मित्र बनाकर टीबी मरीजों को पोषण सम्बंधित सहयोग लिया जा रहा है। सीएस ने बताया कि जिले के लिए बेहद ख़ुशी की बात है कि प्रधानमंत्री निक्षय मित्र अभियान के तहत जिले के विभिन्न सामाजिक संगठनों,जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। उनसभी निक्षय मित्रों का लगातार सहयोग बना हुआ है। जिससे टीबी मरीजों को फायदा हो रहा है। इस कार्य में लगे सभी स्वास्थ्कर्मी बधाई के पात्र हैं।
भारत सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना अंतर्गत टीबी मरीजों को मिलती है सहायता:
जिले के यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत राय एवं प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के तहत पीएमएवाई के जिला कॉर्डिंनेटर ललित कुमार ने कहा कि भारत सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना अंतर्गत ₹500 की राशि प्रत्येक माह डीबीटी के माध्यम से टीबी मरीजों के बैंक खाते में दी जाती है। वहीं प्रधानमंत्री के आवाहन पर निक्षय मित्र बनकर कमजोर तबके के टीबी मरीजों के बीच पोषण से युक्त फूड बास्केट वितरण करना भी आवश्यक है। ताकि इलाज के साथ टीबी मरीजों को पोषण का लाभ मिल सके और वे दवाओं के साथ संतुलित आहार का सेवन कर टीबी से मुक्त हों।उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों को न्यूट्रीशनल सपोर्ट करना भी हम लोगों का दायित्व है।
रेडक्रॉस, आईएमए, रोटरी जैसे संस्थान टीबी उन्मूलन में निभा रहे हैं बेहतरीन भूमिका:
पीएमएवाई के जिला कॉर्डिंनेटर ललित कुमार ने बताया कि रेड क्रॉस सोसाइटी,आईएमए, रोटरी जैसे संस्थान जिले में बढ़- चढ़ कर टीबी मरीजों के सहयोग में आगे आ रहे हैं। इस तरह लोगों का सहयोग मिले तो जिले का स्थान बिहार हीं नहीं देश में पहले स्थान पर आ सकता है। उन्होंने बताया कि यक्ष्मा मरीजों को बलगम जांच, सीबी नेट जांच, एक्सरे आदि की निःशुल्क जाँच व इलाज की व्यवस्था अस्पतालों में उपलब्ध है।
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