सांस्कृतिक गतिविधियों से छात्र-छात्राओं में अनुशासन की बीज अंकुरित होती है : किसान चाची

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  • शारदा विद्यापीठ के 9वें वार्षिकोत्सव का हुआ उद्घाटन
वैशाली : “मनुष्य प्रकृति का नायाब तोहफ़ा है तभी तो इंसान अपने कलात्मक क्रियाओं से जीवों में सर्वश्रेठ है इसके साथ हीं कला मनुष्य को जीवन जीने की राह दिखाती है।” उक्त बातें ‘शारदा विद्यापीठ’ के 9वें वार्षिकोत्सव का उद्घाटन करते हुए बिहार हिंदी साहित्य सम्मलेन के अध्यक्ष डॉ.अनिल सुलभ ने कही। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पद्मश्री राजकुमारी देवी ‘किसान चाची’ ने कहा कि “सांस्कृतिक गतिविधियों से छात्र-छात्राओं में अनुशासन की बीज अंकुरित होती है जिससे वे अपने सुदृढ़ भावी भविष्य सुनिश्चित करने में सफल होते है। इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक मिश्रीलाल यादव ने कहा कि शारदा विद्यापीठ बच्चों के बौद्धिक और नैतिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक संचेतना की अलख जगाने के लिए भी प्रयत्नशील है। कार्यक्रम को संस्थान के निदेशक नागेंद्र कुमार व संयोजक बिष्णू चौधरी ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में समाज, शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नौ विभूतियों को अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। जिसमें उमेश कुमार यादव, श्रीमती अमृता, श्रीमती इंदु कुमारी, राजीव मेहता, रघुवंश प्रसाद सिंह, रामायण सिंह, ‘जीवनदानी’ रामयतन यादव, डॉ. मुस्तफा कमाल पाशा, शशिभूषण कुमार उपस्थित रहे। इस अवसर पर एकल व समूह नृत्य के प्रदर्शन से संस्थान की छात्रा अंजली एवं अनुराधा ने उपस्थित दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। अन्य कलाकारों में शिवांश, आयुष, आशुतोष, उज्ज्वल, आयुषी, प्रिया,मानवी राज़ अरुणाभ, अनुष्का कृष्णा, रितिका, रोशनी आदि ने मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिए। कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी संजय रॉय एवं धन्यवाद ज्ञापन बिहार पुलिस अकादमी के अधिकारी निर्मल कुमार ने किया।
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