पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में एक दिव्यांग नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना घटी है. आरोप है कि तीन युवक दिव्यांग नाबालिग को स्कूल से उठाकर ले गये और उसके साथ गैंगरेप किया है. मालदा में दिव्यांग मासूम से गैंगरेप की घटना से बवाल मच गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार नाबालिग का घर गांव में स्कूल के पास है. उत्तर बंगाल की विकास राज्य मंत्री सबीना यास्मीन का विधानसभा क्षेत्र मोथाबारी है. वह उसी विधानसभा इलाके की रहने वाली है.
कथित तौर पर उस स्कूल में नाबालिग लड़की को घर के सामने सड़क से हाथ पकड़कर खींचकर ले गये और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. मोथाबाड़ी थाने में पहले ही शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को अरेस्ट किया है और उसे कोर्ट में पेश कर पुलिस हिरासत की फरियाद करेगी.
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार नाबालिग अपने घर के सामने सड़क पर टहल रही थी. आरोप है कि तीन युवक उसे जबरन वहां से खींचकर पास के एक स्कूल में ले गए. मूक-बधिर होने के कारण नाबालिग चिल्ला भी नहीं सकी. स्कूल में ही उसके साथ पहले दुष्कर्म किया गया. फिर उसे वहीं छोड़ दिया गया.
स्कूल में दिव्यांग नाबालिग के साथ किया गैंगरेप
बाद में परिजनों ने नाबालिग की खोजबीन शुरू की, तो वह नाबालिग स्कूल के अंदर मिली. उसकी हालत बहुत की खराब थी. बाद में परिवार वालों को पूरा मामला समझ में आया. मोथाबाड़ी थाने में तीन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी जा चुकी है.
इसी साल मार्च में मालदा में छठी क्लास की छात्रा से स्कूल के अंदर गैंगरेप का आरोप लगा था. घटना की जानकारी होते ही सनसनी फैल गई थी. शिक्षण संस्थान के अंदर इस तरह की घटना से राज्य की राजनीति में बवाल मच गया है. मालदा में नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को अरेस्ट किया है.
मालदा में गैंगरेप की घटना के बाद मचा बवाल
पुलिस ने बताया कि पूरे मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित गति से कार्रवाई शुरू की है और इस मामले में तीन आरोपियों को अरेस्ट किया गया है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ शुरू की है और यह पहचान करने की कोशिश कर रही है कि इस मामले में और कौन लोग शामिल हैं.
इस बीच. स्कूल में गैंगरेप की घटना के बाद पूरे राज्य की राजनीति गरमा गई है. भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस की सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. राज्य में महिलाओं की इज्जत सुरक्षित नहीं है. जबकि राज्य की मुख्यमंत्री खुद एक महिला हैं.
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