- तुरकौलिया के जयसिंहपुर में आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता का उद्घाटन लोकसभा के पूर्व राजद प्रत्याशी विनोद श्रीवास्तव ने किया।
अशोक वर्मा
मोतिहारी : तुरकौलिया के जयसिंहपुर में पहलवानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में जाने-माने पहलवानों ने भाग लिया ।लोक सभा चुनाव निकट होने और चुनावी माहौल बनने के पूर्व जिले में इस कुश्ती प्रतियोगिता को चुनावी दंगल से जोड़ा जा रहा है ।जब से पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट इं डि या गठबंधन राजद के खाते में गया है तब से इस जिले में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।
विभिन्न चैनलो के द्वारा किए आकलन एवं सूत्रों से हवाले से चल रहे समाचार के आधार पर पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट से इस बार वर्तमान सांसद राधा मोहन सिंह का पत्ता कटने की चर्चा है, वैसे राधा मोहन सिंह ना सिर्फ पूर्वी चंपारण के बट वृक्ष समान है बल्कि बिहार में भी इनका मजबूत जनाधार है इसलिए समाचार या किसी तरह का आकलन भ्रामक और अविश्वसनीय भी हो सकता है।गौरतलब है कि विनोद कुमार श्रीवास्तव पूर्व में मोतिहारी लोकसभा सीट से राजद प्रत्याशी के रूप में अपने प्रतिद्वंदी भाजपा के राधा मोहन सिंह से चुनाव लड़ चुके हैं ।उस चुनाव मे हारने के बाद उन्होंने अपनी कर्म और सेवा भूमि पूर्वी चंपारण को ही बनाया और लालू यादव के विश्वसनीय सिपाही के रूप में लगातार पूर्वी चंपारण की जनता से जुड़े रहे हैं। भले ही वे पूर्व के चुनाव मे हार गए एवं दूसरी बार के चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिली लेकिन मोतिहारी से उनका हमेशा हीं विशेष लगाव रहा है। लगभग 15 वर्षों से विनोद श्रीवास्तव पूर्वी चंपारण के इस लोकसभा क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं।लोकसभा क्षेत्र की जनता के दुख सुख में वे हमेशा शामिल होते रहे हैं। पूर्वी चंपारण में लगातार सक्रिय रहने वाले विनोद श्रीवास्तव से एक राजनीतिक भूल भी होती रही है। वैसे अन्य सभी प्रत्याशियों के साथ भी यही बात रही है। इनके पूर्व पूर्वी चंपारण सीट से विजई रहे डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह पूर्वी चंपारण जिले के खास भूमिहार जाति के घेरे में हमेशा रहे और उनके जीतने का आधार भी वही रही लेकिन दूसरी बार जब उनके पुत्र ने यहां से चुनाव लड़ा तो भूमिहार वोट पिछली बार समान उन्हें नही मिल पाया।विनोद श्रीवास्तव वैसी कायस्थ जाति से आते हैं जिसका वोट बैंक भाजपा का रहा है। इसके बावजूद विनोद श्रीवास्तव अपनी सेवा, निष्ठा एवं व्यवहार कुशलता के वल पर कायस्थों का ज्यादातर वोट हासिल करने में सफल रहे थे। बहुत हासिल करने का मुख्य कारण यह रहा की हर जाति, वर्ग और धर्म के लोगों से संपर्क बनाए रहे और उनका प्यार और आशीर्वाद पाते रहे, लेकिन कुछ गलत तत्वों से भी कभी-कभी घीरे हुए नजर आए। कायस्त जाति के प्रति आम लोगों में एक श्रद्धा और सम्मान की भावना इसलिए रहती है कि इस जाति के लोग मूल रूप से अहिंसक ,सेवा संस्कृति और सादगी पूर्ण होते हैं। ये किसी के साथ भी मिक्स कर जाते हैं। विनोद श्रीवास्तव भी व्यवहार कुशलता में सभी से आगे रहे हैं लेकिन शायद इनकी भी राजनीतिक मजबूरी रही है जिस कारण ना चाहते हुए भी कुछ गलत लोगों के साथ घीरे रहे।
दंगल प्रतियोगिता तो एक बहाना था शक्ति प्रदर्शन एवं राजद के पुराने सिपाहियों के एकजुट का।
चंपारण जिले के पारंपरिक खेलों में कुश्ती खेल भी आता है लेकिन चुनाव के ठीक पहले आयोजित इस दंगल को चुनावी दंगल से जोड़ा जा रहा है, क्योंकि इस इस दंगल में जिले के नए पुराने राजद के सभी नेता कार्यकर्ता गण तथा इं डि या गठबंधन के नेतागण शामिल हुए। शामिल होने वालों में राजद के पूर्व जिला अध्यक्ष अरुण कुमार यादव जो पिछले दिनों राजद से रूठ कर भाजपा में चले गए थे और फिर अपने पुराने घर वापस आ गए है, थे । रामप्रवेश यादव एवं जिले के कई राजद के महत्वपूर्ण स्तंभ नेता गण शामिल हुए । यह कुश्ती प्रतियोगिता एक तरह से राजद के लोगों के द्वारा आयोजित किया गया था जो काफी रोचक रहा।
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