बिहार के कई जिलों में चल रहे डीवीआर नेटवर्किंग आयुर्वेदा कंपनी की कई शाखा मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र के बखरी में भी चल रही थी वही पुलिस कारवाई के बाद अब इस कंपनी के बारे में कई तरह के खुलासे हुए हैं जिसमें स्थानीय लोगों के अनुसार बताया गया कि यह कंपनी 2012 से ही कई नामों से चल रहा था।इस कंपनी के लोगों ने इसी अहियापुर के बखरी में कई बिल्डिंग लेकर अपना फर्जी नेटवर्किंग चलाकर युवक-युवतियों को शोषण का शिकार बनाते थे। जबकि स्थानीय लोगों ने यहां तक कि कहा इस कंपनी के लोग कई दुकानदारों का उधार लेकर भी पुलिस छापेमारी के पहले भागने में सफल रहा है और यहां के सभी बिल्डिंगों में चल रहे कार्यालय को रातो रात खाली कर इस कंपनी के लोग भाग चले। किराना दुकानदार हो या दर्जी मास्टर हो सभी के उधारी बाकी लेकर भाग गया।दर्जी मास्टर ने बताया की उसके यहां नेटवर्किंग से जुड़े हुए युवकों की कपड़ा सिलाई की जाती थी।जिसका लगभग दर्जनों सेट कोट पैंट शीला कर रखा हुआ है लेकिन उसका कोई लेनदार नहीं मिला जिससे लगभग 50 हजार रुपए के आसपास में पूंजी फस गया है। स्थानीय लोगों की माने तो 2012 से यहां पर गेल,धनलक्ष्मी, डीवीआर के नाम से कंपनी चलाई जाती थी।जब यह मामला सामने आया तो पुलिस ने कार्रवाई की और कई लड़कों को मुक्त करा दिया है। स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि यहां पर जो लड़का या लड़की काम करने आता था उसे जाल में फंसा कर 21 हजार 5 सौ लिया जाता था उसके बाद फिर उसी लड़के से दूसरे दो लड़के को लाने को कहा जाता था और जब वह नहीं लाता था उसके साथ मारपीट किया जाता था।
पूरे मामले पर अहियापुर थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया 19 मार्च को थाने में यूपी के एक युवक ने इस फर्जी नेटवर्किंग कंपनी के नाम से एक आवेदन दिया जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उस नेटवर्किंग कंपनी के कार्यालय पर छापेमारी की जहां से 7 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था साथ ही इस नेटवर्किंग कंपनी के कार्यालय से लैपटॉप यूपीएस सहित कई कागजातों के साथ कई आयुर्वेद दवा को भी बरामद किया था।
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