बिहार में मलेरिया से ज्यादा लोग कुत्तों के काटने से पीड़ित हैं. यहां हर रोज 600 से ज्यादा लोगों को कुत्ता काट रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 2022-23 में मलेरिया के 45,532 मामले सामने आए है जबकि 2,07,181 लोगों को कुत्ते ने काटा है. दरअसल बिहार में कुत्तों के काटने को लेकर एक सरकारी रिपोर्ट सामने आया है. बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की रिपोर्ट में कुत्तों के काटने का भी डेटा दिया गया है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल कुत्तों के काटने के मामले सीधे 200 गुना अधिक हो गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में कुत्तों के काटना सबसे प्रचलित बीमारी है.
राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार साल 2022-23 में लाख 7 हजार 181 लोगों को कुत्तों ने काटा. इससे पहले साल 2021-22 में ये संख्या सिर्फ 9809 था. जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार में हर दिन औसतन 600 लोगों को कुत्ते काट कर रहे है. अगर घंटे के हिसाब से देखा जाए तो हर घंटे 25 आदमी को कुत्ता काट रहा है.
बात अगर बिहार में सबसे ज्यादा लोगों को कुत्ता काटने वाले जिले की करें तो वह पटना है. पटना में साल 2022-23 में कुत्तों के काटने की कुल 22599 मामले सामने आए हैं. तो वहीं बिहार के नालंदा में 17,074, गोपालगंज में 15,253, वैशाली में 13,110, पश्चिमी चंपारण में 11,291, पूर्वी चंपारण में 9,975, मधुबनी में 8,401 और अररिया में 6,710 मामले सामने आए. जबकि नवादा में 6,234, सीतामढी में 6,198, जमुई में 5,851, जहानाबाद में 5,683 भोजपुर में 5,323, मधेपुरा में 5,169 और दरभंगा में 5,023 मामले सामने आए. इसके साथ ही वहीं, नवादा जिले में कुत्तों के काटने के 6,234, सीतामढी में 6,198, जमुई में 5,851, जहानाबाद में 5,683 भोजपुर में 5,323, मधेपुरा में 5,169 और दरभंगा में 5,023 मामले सामने आए. वहीं बिहार के खगड़िया में 1,916, मुजफ्फरपुर में 1,258 बक्सर 686, औरंगाबाद 435 और सबसे कम कैमूर में 33 मामले सामने आए हैं.
