एनटीडी दिवस पर आसमान से दिखा जिले के फाइलेरिया उन्मूलन का जज्बा 

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  • भीबीडीसी कार्यालय में एमएमडीपी किट का वितरण 
  • डीएवी के बच्चों ने श्रृंखला बना दिया संदेश 
सीतामढ़ी। मंगलवार की दोपहर उन पक्षियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना होगा, जब उन्होंने आसमान से जमीन पर स्कूली बच्चों को नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डे के अवसर पर फाइलेरिया उन्मूलन का संदेश दिया। करीब 5 सौ बच्चों की बनायी इस श्रृंखला की तारीफ करते जिला भीबीडीसी पदाधिकारी भी नहीं थक रहे थे। दरअसल मंगलवार को नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डे के दिन डीएवी के बच्चों ने विभिन्न तरह के एक्टीविटी से फाइलेरिया उन्मूलन में अपनी दिलचस्पी दिखाई। मौके पर मौजूद जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने बच्चों को फाइलेरिया के कारण, लक्षण और निदान सहित सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। बच्चों की फाइलेरिया रोकथाम पर बनायी पेटिंग ने भी लोगों का ध्यान खींचा। सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग और बेहतर प्रयास को प्रशस्ति पत्र देकर सराहा गया। कार्यक्रम के दौरान फाइलेरिया मरीज रानी कुमारी ने अपनी आपबीती बताकर बच्चों को अपने द्वारा की गयी गलती नहीं दुहराने की बात कही। वहीं इस बीमारी के बचाव पर ज्यादा ध्यान आकर्षित किया।
डॉ यादव ने बताया कि उपेक्षित बीमारियों की श्रेणी में फाइलेरिया रखा गया था। अब इस बीमारी को उपेक्षा से बचाने के लिए हम सबकी समान जिम्मेवारी है। मालूम हो कि भारत में विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारक फाइलेरिया है। दुनियां का 40 प्रतिशत भारत में तथा पूरे भारत का 25 प्रतिशत फाइलेरिया अकेले बिहार में है। ऐसे में यहां सर्वजन दवा सेवन की अहमियत भी बदल जाती है।
स्कूल के अलावे एनटीडी दिवस के अवसर पर एएनएम स्कूल में भी नर्सिंग छात्राओं के बीच जागरुकता कार्यक्रम किया गया। उन्हें फाइलेरिया के कारक और बचाव की तकनीक के बारे में बताया।
तीन लोगों को मिला एमएमडीपी किट:
डॉ यादव ने बताया कि एनटीडी दिवस के अवसर पर तीन लोगों को एमएमडीपी किट से रोग प्रबंधन की कला के साथ कुछ अलग तरह के व्यायाम भी बताए, जिससे उनके जीवन में आसानी आए।
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