देव दीपावली में घर पर जलाएं 11 दीपक, जाने इसका महत्व

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 आध्यात्मिक गुरु श्री कमलापति त्रिपाठी “”प्रमोद””
कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 27 नवंबर 2023 सोमवार को देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन सभी देवी-देवता धरती में आते हैं और गंगा स्नान करके इस पर्व को मनाते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा को पड़ने वाली देव दीपावली को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। भगवान शिव ने जब इस राक्षस का संहार किया तो उस दिन कार्तिक पूर्णिमा का दिन था। राक्षस के वध के बाद सभी देवी देवता प्रसन्न होकर काशी आए थे और दीप जलाकर खुशियां मनाई थी। इसी कारण हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन काशी में दीपोत्सव मनाया जाता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि थी। यही कारण है कि हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर आज भी काशी में दिवाली मनाई जाती है।
देव दीपावली यानी कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने के बाद 11 दीपों का दान करें। फिर नदी किनारे स्थित किसी मंदिर में पूजा अर्चना कर घर लौट जाएं। घर जाकर मां तुलसी के गमले और मंदिर में घी का दीया जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा होगी।
घर पर जलाएं 11 दीपक
देव दीपावली के दिन घर पर घी या सरसों के तेल के 11 दीपक जलाएं। पहले मिट्टी के दिए को मां तुलसी के पास रखें। इसके बाद एक दिए को घर के दरवाजे के बाहर रखें। बाकी बचे 9 दीयों को आप मंदिर में रख दें। इसके बाद विष्णु सहस्रनाम और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से आपका भाग्य समृद्ध होगा और घर में मां लक्ष्मी का वास होगा।
देव दीपावली पर करें जरूरतमंदों को दान
देव दीपावली के अवसर पर घर के पास के किसी मंदिर में जाकर अपने आराध्य की पूजा करें। मंदिर में अपने आराध्य को मंत्रोच्चार करते हुए दीप दिखाएं।फिर किसी गरीब या जरूरतमंद को पैसे या अनाज का दान कर दें। ऐसा करने से आपके घर की आर्थिक उन्नति होगी और आप जीवन में काफी तरक्की करेंगे।इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। देव दीपावली के दिन घर में तुलसी का पौधा लगाएं। भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति पर ग्यारह तुलसी के पत्ते बांधें। ऐसा कहा जाता है कि इस उपाय को करने से धन की कभी कमी नहीं होती और पैसों से तिजोरी हमेशा भरी रहती है। देव दीपावली पर आटे के एक पात्र में ग्यारह तुलसी के पत्ते रखें और उसे अछूता छोड़ दें। कहा जाता है कि यह उपाय घर में सकारात्मक बदलाव लाता है और घर को पवित्र ऊर्जा से भर देता है। देव दीपावली, एकादशी, अनंत चतुर्दशी, देवशयनी, देव उठनी, दिवाली, खरमास, पुरूषोत्तम मास, तीर्थ क्षेत्र और अन्य विशेष अवसर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने के लिए बेहद शुभ माने गए हैं। यह पाठ सभी बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
देव दीपावली पर तुलसी के पौधे के चारों ओर पीला कपड़ा बांधें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से कारोबार में तरक्की और नौकरी में प्रमोशन मिलता है। देव दीपावली पर भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ना और सुनना बेहद कल्याणकारी माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन यह कथा सुनने से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख- समृद्धि आती है। देव दीपावली के शुभ दिन पर गंगा स्नान के बाद दीपक जलाने की सलाह दी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन दीपक जलाने से दस यज्ञों के बराबर फल मिलता है।
ऐसे जलाएं दीपक
मिट्टी या आटे का दिया ले कर उसमें घी या तेल डाल दें। इसमें मौली की बाती बना कर लगा दें। इसके बाद इसमें 7 लौंग डालें और 11 बार ‘ऊं हीं श्रीं लक्ष्मीभयो नम:’ का जाप कर लें। इसके बाद दिया मुख्यद्वार के गेट पर पूर्व दिशा में रख दें। ध्यान रहे कि दिया जब भी रखें उसके बाद कम से कम ये चार बजे सुबह तक जरूर जले।
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