आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का अब होगा वर्चुअल एनक्यूएएस आकलन

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  • एनक्यूएएस और कायाकल्प सर्टिफिकेशन के लिए संशोधित दिशा निर्देश जारी 
  • आईपीएचएस डैशबोर्ड और फ़ूड वेंडर्स के लिए “स्पॉट फूड लाइसेंस” पहल शुरू
  • सोमवार को लॉन्च हुए तीन नई पहल से बढ़ेगी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ 
पटना। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का अब एनक्यूएएस (राष्ट्रीय क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड) प्रमाण-पत्र के लिए वर्चुअल तरीके से आकलन हो सकेगा। अभी तक इसके लिए आकलनकर्ताओं की टीम स्वयं जाकर इसका भौतिक सत्यापन करती थी और इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगता था। उम्मीद है कि नई व्यवस्था से अब आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का जल्दी-जल्दी एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन हो सकेगा। देश में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की संख्या अभी 1 लाख 70 हजार से कुछ अधिक है। दरअसल केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को जिस “आयुष्मान भारत, गुणवत्त स्वास्थ्य” लाँच किया है, उसमें एक बड़ा परिवर्तन यह भी है। दो अन्य पहल हैं-इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के लिए डैशबोर्ड और फ़ूड वेंडर्स के लिए “स्पॉट फूड लाइसेंस” देना। इसके अलावा एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं के लिए एनक्यूएएस और कायाकल्प सर्टिफिकेशन के लिए संशोधित दिशा-निर्देश भी जारी हुए हैं। मानव संसाधन और गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के साथ स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव गणपतराव जाधव और अनुप्रिया सिंह पटेल ने “आयुष्मान भारत, गुणवत्त स्वास्थ्य” कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए तीन नए पहल लॉन्च किए गए, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतरीन करने में और मदद मिलेगी।
एनक्यूएएस के लिए वर्चुअल व्यवस्था:
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए वर्चुअल  मूल्यांकन और डैशबोर्ड की शुरुआत होने से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार की सम्भावना है। केंद्र सरकार का ध्यान सस्ती स्वास्थ्य सेवा तक आम लोगों की पहुंच बढ़ाना तथा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने पर है। इसलिए हर प्रकार के स्वास्थ्य केंद्रों के लिए एनक्यूएएस विकसित किए गए। वर्चुअल टूर में रोगियों, कर्मचारियों और समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत भी की जायेगी। प्रत्येक स्वास्थ्य सेवा सुविधा गुणवत्ता प्रमाणन प्राप्त करने के लिए एक कठोर बहु स्तरीय मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरेगी, जिसका मूल्यांकन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पैनल में शामिल एनक्यूएएस मूल्यांकनकर्ताओं के द्वारा किया जाएगा।
व्यापक अवलोकन और मूल्यांकन के लिए उपयोगी होगा आईपीएचएस डैशबोर्ड:
आईपीएचएस डैशबोर्ड सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की वास्तविक समय की निगरानी के लिए एक ऐसा अग्रणी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो जिला अस्पतालों, उप-जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के मूल्यांकन और अनुपालन स्थिति का व्यापक अवलोकन प्रदान करेगा। मंत्रालय का लक्ष्य इस अत्याधुनिक डिजिटल उपकरण का लाभ उठाकर यह सुनिश्चित करना है कि सभी स्वास्थ्य सेवा संस्थान आईपीएचएस 2022 द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करें, जिससे प्रत्येक नागरिक को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी की गारंटी मिल सके। यह डैशबोर्ड ओपन डेटा किट (ओडीके) टूल के माध्यम से वास्तविक समय डेटा संग्रह और विश्लेषण की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों को गहन मूल्यांकन करने, अंतराल की पहचान करने और आवश्यक सुधारों को तुरंत लागू करने में सक्षम बनाया जा सकेगा। यह पहल सुनिश्चित करेगी कि स्वास्थ्य सुविधाएं बुनियादी ढांचे, उपकरण और मानव संसाधनों के आवश्यक मानकों को बनाए रखें, जिससे बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त होंगे और एक स्वस्थ और अधिक न्यायसंगत समाज को बढ़ावा मिलेगा।
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