Live News 24×7 के लिए मोतिहारी से कैलाश गुप्ता।
पूर्वी चम्पारण लोकसभा से अबकी बार चार लाख वोटों से अधिक वोट से जिताकर भाजपा प्रत्याशी सह पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह को पुनः संसद में भेजना है।
उक्त बातें भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक राजीव रंजन उर्फ राजू गुप्ता, भाजपा महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य सभा सांसद श्रीमती धर्मशीला गुप्ता तथा भाजपा वाणिज्य प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ जगरनाथ गुप्ता ने मोतिहारी के महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में वाणिज्य एवं व्यापार प्रकोष्ठ के तत्वावधान में जिलाध्यक्ष शिव पूजन गुप्ता वाणिज्य प्रकोष्ठ व धर्मेंद्र प्रधान व्यापार प्रकोष्ठ के नेतृत्व और ललबाबू गुप्ता डिप्टी मेयर के संचालन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
उक्त मौके उपस्थित बिहार सरकार के पंचायती राज के मंत्री केदानाथ गुप्ता, विधान पार्षद जीवन कुमार सहित स्थानीय विधायक प्रमोद कुमार, भाजपा नेता राजेन्द्र गुप्ता, प्रकाश अस्थाना आदि ने अपने अपने संबोधन में भाजपा सरकार के कार्यकाल की उपलब्धता को गिनाते हुए कहा कि इस बार देश में चार सौ पार का लक्ष्य है तथा पूर्वी चम्पारण में इतिहास कायम करना है और राधामोहन सिंह को इसबार चार लाख से अधिक वोटों से जिताना है। वही पूर्वी चम्पारण लोकसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी सह सांसद राधामोहन सिंह ने अपने पाँच बार के संसदीय कार्यकाल के कार्यों को गिनवाते हुए सभागार में वैश्य समाज के उपस्थित तमाम लोगों से अधिक से अधिक मतदान करने व कराने का अपील किया।
विदित है कि पूर्वी चंपारण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बिहार के 40 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। परिसीमन से पहले पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट मोतिहारी सीट के नाम से जानी जाती थी। आजादी के बाद से इस सीट पर कांग्रेस का बर्चस्व रहा था। लेकिन 1977 में जनता पार्टी उम्मीवार ने पहली बार इस सीट पर कब्जा जमाया। उसके बाद इस सीट से 5 बार बीजेपी जीती थी। इस लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या 1187,264 है। इनमें से 640,901 पुरुष वोटर और 546,363 महिला वोटर हैं। पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- हरसिद्धी, गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, पिपरा और मोतिहारी।
पिछले चुनाव 2019 में बीजेपी के राधा मोहन सिंह 5,74,081 वोट पाकर 293648 से जीते थे। वही राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के आकाश प्रसाद सिंह को 2,81,500 वोट मिला था।
बताते चलें कि पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट मोतिहारी सीट के नाम से जानी जाती थी जहां 1952 में देश में हुए पहले चुनाव से ही इस सीट पर कांग्रेस का परचम लहराया। 1971 तक इस सीट से पांच बार कांग्रेस के विभूति मिश्रा विजयी रहे थे। लेकिन इमरजेंसी के बाद हुए 1977 के चुनाव में यहां का गणित बदला। जनता पार्टी के ठाकुर रामापति सिंह चुनाव जीते और कांग्रेस का बर्चस्व खत्म हुआ। सन 1980 में यहां से सीपीआई के कमला मिश्र मधुकर तथा 1984 में कांग्रेस की प्रभावति गुप्ता चुनाव जीतीं थी। सन 1989 में यहां से बीजेपी ने राधामोहन सिंह को प्रत्याशी बनाया और ये चुनाव जीत गए। सन 1991 में फिर सीपीआई के टिकट पर कमला मिश्र मधुकर चुनाव जीते जिसे 1996 में पुन: राधामोहन सिंह ने अपना परचम लहराया था। 1998 के चुनाव में राधामोहन सिंह चुनाव हार गए और आरजेडी की रमा देवी चुनाव जीती थी। 1999 में अटल लहर आया और फिर बीजेपी के टिकट पर राधामोहन जीत हासिल करने में कामयाब रहे। 2004 में फिर इस सीट पर सियासत ने पलटी मारी और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा जिसमें आरजेडी के डा अखिलेश कुमार सिंह जीतने में कामयाब रहे। 2009 में डा अखिलेश कुमार सिंह को और 2014 आरजेडी के विनोद कुमार श्रीवास्तव को बीजेपी के राधामोहन सिंह ने हराया और पुन: 2019 में भी जीत हासिल की।
