बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने 22 महीने बाद सिर का मुरेठा हटा दिया है। आज सुबह उन्होंने अयोध्या के सरयू नदी में डूबकी लगाई और मुरेठा सिर से हटा दिया। उन्होंने कहा कि अयोध्या नगरी में आकर सरयू नदी में स्नान कर, ये मुरेठा जो मैंने 22-23 महीने से बांध रखा था, अब भगवान राम के चरणों में समर्पित करूंगा। बता दें कि सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार को कुर्सी से हटाने को लेकर संकल्प लिया था।
बता दें मंगलवार को डिप्टी सीएम मंत्री और पदाधिकारियों के साथ पटना से अयोध्या रवाना हुए थे।
अयोध्या रवाना होने से पहले पटना में सम्राट चौधरी ने कहा कि हमारा कमिटमेंट नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के पद से हटाने का था। यह कमिटमेंट पूरा होने पर मुरेठा खोलेंगे। यह संकल्प 28 जनवरी को पूरा हुआ। महागठबंधन से हटकर वो हमारे साथ आकर मुख्यमंत्री बने। हमने इसका स्वागत किया था। 28 जनवरी को बिहार में एनडीए की सरकार बनी।
सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि एनडीए की सरकार बनते ही हमने कहा, अब इस मुरेठा की जरूरत नहीं है। प्रभु राम के चरणों में जाकर अपने मुरेठा को समर्पित करेंगे। चुनाव कार्य में व्यस्त होने के कारण नहीं जा पाए। अब चुनाव कार्य खत्म हो गए हैं। बिहार की जनता ने 75 प्रतिशत मार्क्स के साथ 40 में से 30 सीटें दी है। बिहार की जनता को भी धन्यवाद देता हूं।
आपको बता दे कि 28 जनवरी को सरकार बनने के बाद 29 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सम्राट चौधरी ने कहा था कि भाजपा मेरे लिए दूसरी मां है। विरोधी दल के नेता के तौर पर मुरेठा बांधा था। वहीं, पार्टी के सम्मान में अगर हमें सर भी मुरवाना पड़े तो मैं तैयार हूं। मैं अयोध्या जा रहा हूं। वहीं बाल कटवाऊंगा।
वहीं, सम्राट चौधरी के मुरेठा खोलने पर राजद ने भाजपा पर हमला किया है। राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि सम्राट चौधरी अपने संकल्पों पर नहीं टिक पाए। उन्होंने संकल्प लिया था कि मैं पगड़ी तब तक नहीं उतारुंगा, जब तक नीतीश कुमार को गद्दी से नहीं उतार दूंगा। लेकिन, भाजपा और सम्राट चौधरी आज उन बातों को भूल गए। अब अयोध्या जाकर पगड़ी उतार रहे हैं।
राजद ने मांग की है कि सम्राट चौधरी को सार्वजनिक रूप से ये बात कहनी चाहिए। बिहार की जनता को बताना चाहिए कि नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करने के बजाय सत्ता में बनाए रखने की बात करने लगे हैं। कहीं न कहीं स्वार्थ और सत्ता में बने रहने की भाजपा की सोच रही है। यह भाजपा की कुर्सी के प्रति प्रेम को दिखाता है। बीजेपी को बिहार के हितों से कोई मतलब नहीं है। स्वार्थ की राजनीति के लिए नीतीश कुमार के प्रति समर्पण किया है।
वही आपको बता दे कि डीप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सितंबर 2022 में अपनी मां के निधन के बाद मुरैठा बांधा था। मुरैठा बांधते हुए उन्होंने संकल्प लिया था कि वो इसे तभी खोलेंगे, जब नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी से हटा देंगे। जब वो यह संकल्प ले रहे थे, तब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी। नीतीश कुमार सीएम और तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे।
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